बाल मजदूरी रोकने के उपाय(Measures to prevent child labor)

बाल मजदूरी रोकने के उपाय (Measures to prevent child labor)

हमारे समाज में 14 वर्ष की कम उम्र वाले बच्चों को स्कूली जीवन से अलग करके कपड़े की दुकान, चाय या मिठाई की दुकान, कल-कारखानों, बारूद फैक्ट्री एवं अन्य तमाम छोटे बड़े उद्योगों में उन बच्चों से बाल मजदूरी कराया जा रहा है। जिससे उन गरीब बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। ऐसे बाल मजदूरी रोकने के उपाय (Measures to prevent child labor) को लेकर हमारे माननीय प्रधानमंत्री एवं तमाम जनता से अनुरोध करते है कि उन गरीब अभिभावकों के गरीब बच्चों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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                           वैसे हमारे भारतीय संविधान में अनुच्छेद 24 में साफ-साफ लिखा हुआ है कि बालकों के नियोजन का प्रतिषेध है। 14 वर्ष से कम उम्र वाले किसी बच्चे को कल करखानों, खानो, किसी भी जोखिम भरा काम या अन्य प्रकार का कोई ऐसे कामों पर नियुक्ति नहीं किया जा सकता है।लेकिन हम लोग आए दिन देखते हैं कि बाल-मजदूरी अपनी स्थिति कायम की हुई है।


                           यूंँ कहा जाए कि उन बच्चों में कौन बच्चा कल का महान वैज्ञानिक या देश के कुछ गणमान्य व्यक्ति बन सकता है। इसलिए बाल मजदूरी रोकने के उपाय (Measures to prevent child labor) को दूर करते हुए। उन बच्चों का कल के भविष्य बेहतर करने का उपाय हमें करना चाहिए।

                     
                              विश्व में कई ऐसे देश हैं। जहां बाल मजदूरी अपनी चरम पर है। बाल मजदूरी में भारत भी अछूता नहीं है। भारत के अनेक ऐसे राज्य हैं। जो बाल मजदूरी के लिए अग्रणी जाने जाते हैं। यह एक राष्ट्रीय समस्या बन गया है। इस समस्या का समाधान सरकार एवं जनता दोनों मिलकर करने की आवश्यकता है।

                          ऐसे में कई सरकारी योजना शुरू की गई है। जिसे इन सारे बच्चों की सुविधाएं उपलब्ध हो। यहीं नहीं कई ऐसे बाल मजदूरी पर संस्थाएं चलाई जा रही है। जो बाल मजदूरी पर कार्य करते रहते है।

बाल मजदूरी के कारण 



आर्थिक स्थिति -: इतनी महंगाई होने के कारण गरीब परिवार के लोगो को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। वह अपनी परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण बच्चों को बाल मजदूरी करने के लिए भेजना पड़ता है। इस वजह से बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाता है।


अशिक्षा -: आज भी हमारे समाज में बहुत सारे लोग अशिक्षित हैं। अशिक्षा के कारण ही वह अपने बच्चे को बाल मजदूरी करने के लिए इधर-उधर भेजते हैं। और उनका भविष्य और बचपन दोनों बर्बाद करते हैं।


जनसंख्या वृद्धि -: लगातार जनसंख्या में वृद्धि होने के कारण रोजगारो का मिल पाना संभव नहीं है। और कोई भी मनुष्य कृषि कार्य तो करना ही नहीं चहता है। जनसंख्या अधिक और रोजगार कम, इस वजह से बाल मजदूरी में लिप्त होते चले जाते हैं।


मादक पदार्थों का सेवन-: बच्चों के पिता या अभिभावक      में मादक पदार्थों का सेवन करने की आदत होने के कारण वह जान बूझकर, अपने बच्चे को बाल मजदूरी के तरफ ढ़केेलते
हैं। नशे के कारण वह काम करने नहीं जाते अगर जाते भी हैं, तो सारे पैसा नशे में ही चला जाता है। जिस वजह से बच्चे को घर पर कमा कर लाना पड़ता है।


बेरोजगारी-: दिन प्रतिदिन बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। क्योंकि पढ़े लिखे लोगों की संख्या अधिक होते जा रहे है। सरकार वैकेंसी भी नहीं निकाल रही है। और न ही प्रत्येक 5 जिला के अंतर पर एक फैक्ट्री का निर्माण करा रही है। जिससे रोजगार का सृजन होता। जिसके कारण बाल श्रम से मुक्ति मिल सके।


अन्य कारण-: कुछ बच्चों के पिता या अभिभावक की लंबी बीमारी होने के कारण बाल मजदूरी करने के लिए विवश हो जाते हैं।  क्योंकि घर में कमाने वाला कोई नहीं होता है। इस कारण अपना बचपन को बर्बाद करके अपने परिवर के लिए सहारा बन जाते हैं।

बाल मजदूरी रोकने के उपाय (Measures to prevent child labor)



 गरीबी -: बाल श्रम होने का कारण ही है, कि वहां गरीबी है और उस गरीबी को मिटाना ही अति आवश्यक होगा। इसके लिए सरकार को चाहिए कि रोजगार या उधोग धंधे के लिए ऋण लेने की व्यवस्था सरल करें।


रोजगार का सृजन -: किसी भी देश को विकसित करने के लिए वहां की शिक्षा व्यवस्था एवं रोजगार पर ध्यान देना अति आवश्यक होता है। जिससे सभी को सामान्य रूप से रोज़गार मिलते रहें। इससेे बाल मजदूरी कम होगा।


शिक्षा -: बाल मजदूरी को कम करने का रामबाण तरीका है, शिक्षा। शिक्षा नहीं तो कुछ भी नहीं, इसलिए शिक्षा अति आवश्यक है। अगर किसी बच्चे का माता-पिता शिक्षित होंगे।
तो वे अपने बच्चे को कभी भी बाल मजदूरी के लिए विवश नहीं करेंगे।


शिक्षा केे बार में पढेे़।


जनसंख्या नियंत्रण-: किसी भी देश के विकास के लिए जनसंख्या वृद्धि बाधक बन सकता है। इसलिए जनसंख्या पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है। जनसंख्या पर नियंत्रण हो हो जाए, तो बाल मजदूूरी  में अपने आप कमी होते जाएगा।


निष्कर्ष -: बाल मजदूरों को जब भी हम देखते हैं। उनके प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। बाल अधिकारों के प्रति ध्यान चला जाता है। गरीबी के कारण उनके बचपन के दिनों में बड़ों की तरह सोचने एवं समझने के लिए विवश हो जाते हैं। भारत की अधिकांश जनता गरीब है। अगर बाल मजदूरी को सचमुच हटाने की जरूरत है, तो पहले उनकी गरीबी को हटाने की जरूरत है। अगर उनके परिवार वाले को सही शिक्षा एवं रोजगार मिलेगा, तो उनके बच्चे बाल मजदूरी में लिप्त नहीं होंगे। इसके लिए सरकार एवं जनता को मिलकर एक अभियान चलाया जाना चाहिए। सरकार को हर राज्य में फैक्टरी, उद्योग-धंधों और अन्य कई कार्यक्रम चलाना अति आवश्यक है। जिसे हम बाल मजदूरी को रोकने (Measures to prevent child labor) में सक्षम हो सकते हैं।




1 टिप्पणी:

  1. बाल मजदूरी हमारे देश के लिए बहुत बडा अभिशाप है । इस मुद्दे पर हमें एकरजुटता से लडने कीं जरुरत है और इसमें हम सभी देशवासियों को साथ मिलकर बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज बुलंद करने की जरुरत है । जय हिन्द ।

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