नारी शिक्षा के प्रति जागरूपता

      नारी शिक्षा के प्रति जागरूपता  Awareness of women education

समाज का सर्वांगीण विकास करना हो तो नारी शिक्षा के प्रति जागरूपता अत्यंत महत्वपूर्ण है। नारी शिक्षा का मतलब सभी महिलाएं को पुरुषों के अनुसार शिक्षित होने से है। यदि लड़कियां शिक्षित हो तो आने वाली पीढ़ियां एक शिक्षित पीढी़ का निमार्ण होगा।

" एक सफल व्यक्ति के लिए परिश्रम अति आवश्यक है, उसी प्रकार नारियों के विकास के लिए नारी शिक्षा आवश्यक है।" 

महिला सशक्तिकरण के बारे में पढ़े । 
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें। 
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व। 
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना रिजल्ट 2018

              एक शिक्षित स्त्रियां हमेशा विकास करती हैं। क्योंकि वह अपने घर का अच्छे माहौल का निर्माण करती हैं। जिस कारण घर परिवार हमेशा खुश रहता है। जिस घर परिवार में शिक्षित महिलाएं होंगी। उस घर परिवार में घरेलू हिंसा, झगड़े कभी नहीं होगा।

जीवन के सक्सेज मंत्र ।
 विद्यालय के छात्र छात्राओं को कक्षा कक्ष में कैसे बैठना चाहिए।

             अक्सर देखा या सुना जाता है कि जिस घर में घरेलू हिंसा नहीं होता उस घर में सुख, शांति ,समृद्धि एवं धन की प्राप्ति होता है। इसलिए नारी शिक्षा के प्रति जागरूपता पर ध्यान देना अति आवश्यक है।

            आज की वर्तमान स्थितियों में से सभी अवगत हैं कि मैट्रिक,इंटर , B.A, M.A, के साथ - साथ कोई भी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रथम स्थान लड़कियां ही प्राप्त कर रही हैं।

▶️प्राचीन काल में नारियों की स्थिति-: प्राचीन काल में भारतीय समाज में महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने का अनुमति नहीं था। उस समय महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय थी। महिलाओं को शिक्षित करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। कई महिलाओं ने एक संगठन का निर्माण पर महिलाओं को शिक्षित करने का काम किया करती थी। उसमें अग्रणी भूमिका ज्योतिबा राव फुले एवं अन्य कई महिला संगठनों ने महिला को शिक्षित करने का काम किया। इसके बाद धीरे - धीरे उनके का लाभ मिलना शुरू हो गया। उनके योगदान से आज एक महिला शिक्षित समाज का निर्माण हो सका।

▶️वर्तमान समय में नारियों की स्थिति-: आज वर्तमान में भी कई देशों में महिला शिक्षा बेहतर तो है लेकिन कुछ देशों की  स्थितियां  बिल्कुल  बत्तर है। उस देश का विकास संभव नहीं है, जहां महिला शिक्षा नहीं। नारी शिक्षा के लिए एक महिला को सबसे कम उम्र के नोबेल पुरस्कार विजेता  उस महिला का नाम मलाला यूसुफजई है। जो अपनी देश में महिलाओं को शिक्षित करने के काम किया करती हैं। आज भी सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की। ऐसे बहुत सारी महिलाएं आज भी सक्रिय रुप से महिलाओं को विकसित करने का काम करती हैं। आज भारत के कई राज ऐसे हैं। जहां महिला शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है। लेकिन कई ऐसे राज्य हैं, जहां महिलाओं  की शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया जाता है।

               शिक्षित महिला ही देश की प्रगति शील बनाती हैं, क्योंकि जनसंख्या का 50% महिलाएं हैं। इनका योगदान अति महत्वपूर्ण होता है। इस कारण आज सरकार भी महिलाओं को शिक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं।अगर महिलाएं संकल्पित कर ले की। मैं अपने बच्चे बच्चियों को शिक्षा दूंगी। एक सभ्य समाज का निर्माण करूंगी।

          एक महिला अपने आप को बदल ले तो धीरे-धीरे खुद ब खुद ही एक शिक्षित समाज का निर्माण हो जाएगा।
एक नारी कभी बेटी ,कभी पत्नी, तो कभी मां की भूमिका निभाती हैं। यूँ कहे तो नारी का स्थान पूजनीय है। ऐसे भी प्राचीन काल में नारियों के सम्मान काफी था। पुरुषों के बराबर  कामों में साथ-साथ भाग लेती थी। लेकिन धीरे-धीरे समाज में नारी का स्थान नीचे गिरते गया।

         अगर नारी शिक्षित है तो पूरुष कोई भी कार्य नहीं कर पाते या समझ नहीं आते तो नारी अपने पति को समझाती है। यहीं नहीं एक बच्चे अपने पिता को नहीं देखते हैं, तो उनका कोई खोज खबर नहीं लेते हैं। लेकिन बच्चे अपनी मां को नहीं देखते तो सभी घरों में घूम-घूमकर खोजते आवाज़ लगाते हैं। माँँ - माँँ कहां हो। इससे लगता है कि नारी का कितना महत्व है।  Awareness of women education

CBSE class 12th result 2018

       CBSE class 12th result 2018

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) class 12th result 2018 का परिणाम आज 26/05/18 तारीख को घोषित होगा। परिणाम की आने की खबर से लगभग 12 लाख छात्र छात्राओं का इंतजार खत्म हुआ। छात्र-छात्राओं के सालो की कठीन मेहनत का परिणाम देखने के लिए उत्साहित एवं उमंग में नजर आए। इनके साथ साथ अभिभावकगण भी पुलकित दिखे।
CBSE 12th result 2018 के अधिकारिक वेबसाइट पर रिजल्ट उपलब्ध है।
CBSE class 12th result 2018

results.nic.in पर click कर के देख सकते हैं। 

                     केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं Google की ओर से भी छात्र-छात्राओं के सुविधा के लिए google. com पर भी जा कर result देख सकते हैं।  Google पर रिजल्ट जारी होने से छात्र-छात्राओं के लिए काफी आसान हो गया। क्योंकि अधिकारिक वेबसाइट पर लाखों लोग एक साथ परिणाम देखते हैं। जिसके कारण सर्वर डाउन हो जाता है। इससे बचने के लिए google.com पर  जाकर सीधा परिणाम देख सकते हैं।  कई ऐसे वेबसाइट cbse रिजल्ट को लेकर लोगों को परेशान करते हैं।
www.google.com
गूगल सर्च इंजन में CBSE Class 12th का रिजल्‍ट देखने के लिए इन stpes का प्रयोग करें।Stpes 1: www.google.com पर click करें।Stpes 2: 'CBSE results' मेें 'CBSE class 12 results' सर्च करें।
Stpes 3: गूगल सर्च इंंजन में रिजल्‍ट पेज पर रिजल्‍ट सर्च करे। फिर अपना रोल नंबर और जन्‍म तिथि डालें।
Stpes 4: submit कर रिजल्‍ट देखें।

इसके साथ-साथ SMS पर भी परिणाम देखा जा सकता है।
SMS के जरिए इस तरह चेक करें CBSE results 2018 का रिजल्‍ट
स्‍टूडेंट SMS के जरिए भी रिजल्‍ट देख सकते हैं. इसके लिए आपको 52001 (MTNL), 57766 (BSNL), 5800002 (Aircel), 55456068 (Idea), 54321, 51234 और 5333300 (Tata Teleservices), 54321202 (Airtel), और 9212357123 (National Informatics Centre) नंबरों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।
स्त्रोत-:https://khabar.ndtv.com/news/career/cbse-12th-class-results.
              बेब हिंदी दुनिया  के तरफ से तमाम CBSE class 12th result 2018  को हार्दिक शुभकामनाएं।

जीवन के सक्सेज मंत्र

     जीवन के सक्सेज मंत्र

प्रतियोगिता परीक्षा तैयारी करने वाले साथियों परीक्षा की तैयारी करते - करते बोर , निराश, हताश हो जाते हैं। वह सदैव चिंतित रहते हैं, कि अगर प्रतियोगिता परीक्षा में प्रेरणादायक एवं सकारात्मक सोच वाले जीवन के सक्सेज मंत्र पढ़ते हैं, तो उन्हें एनर्जी, जोश, जुनून,कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्त करने की राह मिलता हैै। वह प्रतियोगी छात्र छात्राओंं को परीक्षाओं में सफल बनाता है। आज के दौर में सक्सेस मंत्र अत्यंत आवश्यक है।


मैं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले तमाम छात्र छात्राओं से अपील करता हूं कि प्रतियोगी तैयारी के साथ साथ प्रतिदिन मात्र 10 मिनट अपना बहुमूल्य समय निकालकर जीवन के सक्सेज मंत्र जरूर पढ़ें। ताकि आप सफल हो सके। हमारे जीवन को बेहतर करने के लिए सक्सेज मंत्र नितांत आवश्यक है।

                जीवन के सक्सेज मंत्र निम्न है -: 

सक्सेज मंत्र- "सफलता के रास्तों में अनेकों कठिनाइयां हैं, उन कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करना ही सफलता है।"

 "हार ही जीत की जननी है।"

" सफलता की मां असफलता है।"

" कर्मो पर विश्वास करें, सफलता यूं ही आ जाएगी कदमों में।
 खुद पर यकीन ही सफलता की राहें हैं।"

 "धैर्यवान व्यक्ति सब कुछ पा सकता है।"

 "आपको सफलता मिलेगा आपकी सकारात्मक सोच से।"

 "सफलता उम्र नहीं देखता सफलता अभ्यास, जोश जुनून, कठिन परिश्रम देखता है।"

 "कठिन कार्यों को पहले करें आसान काम खुद ब खुद हो जाएगा। "

"एक बार असफलता ही जिंदगी को सुरक्षित एवं समृद्धि प्राप्त कराता है।"

"बचपन के दिनों में मैं अक्सर छोटे-छोटे टॉपिक पर लक्ष्य बनाया करता और वह प्राप्त भी करता।"

 "सीखने के लिए ताउम्र तैयार रहना चाहिए।"

 "सफलता की राहें आसान नहीं होता पर सफलता के लिए कठिन परिश्रम करना अनिवार्य है।"

 "सभी के मनों में यह सवाल उठता है कि मैं भी सफल बनूँ पर सफलता के पीछे उन समस्याओं का भी हल करना ही सफलता है।"

"जिंदगी में सफलता का मायने यह नहीं, कि नौकरी प्राप्त करना। मायने यह है कि सफल जिंदगी कैसे हो।"
                  


विद्यालय के छात्र छात्राओं को कक्षा कक्ष में कैसे बैठना चाहिए

विद्यालय के छात्र छात्राओं को कक्षा कक्ष में कैसे बैठना                                      चाहिए

विद्यालय के छात्र छात्राओं को कक्षा कक्ष में कैसे बैठना चाहिए। जिससे शिक्षक द्वारा पर पाठ योजना के अनुसार पढ़ाया गया ज्ञान अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को दिमाग में बैैैठ जाए।

              बचपन में जो जैसा देखता या सुना करता उसी के अनुसार छात्रों के मन में कलाकार उत्पन्न होने लगता है। जैसे कि कोई क्रांतिकारी फिल्म देखा तो क्रांतिकारी बनने की इच्छा उत्पन्न होने लगता। जब कभी विद्यालय के शिक्षक तेज बच्चों को सम्मान करते, तो मन करता कि मैं भी तेज रहता।
 विद्यालय के छात्र छात्राओं को कक्षा कक्ष में कैसे बैठना चाहिए
 विद्यालय के छात्र छात्राओं को कक्षा कक्ष में कैसे बैठना चाहिए

आज मैं विद्यालय की कक्षा कक्ष में छात्र-छात्राओं को कैसे बैठना चाहिए। इस विषय में इस ब्लॉग पोस्ट में चर्चा कर रहा हूं। आज छात्र-छात्रों को देखा जाता है कि विद्यालय के शिक्षक द्वारा पढ़ाया गया ज्ञान समझ में नहीं आ रहा है। इससे बच्चों की कक्षा कक्ष में बैठने की स्थिति से है।

               छात्र-छात्राओं को जीवन बेहतर हो सके, इसके लिए कुछ बातों पर ध्यान रखना होगा। जिससे छात्र-छात्राओं को कक्षा कक्ष में पढ़ाया गया ज्ञान एवं ध्यान रख सके। इसके लिए छात्रों को भी ध्यान देना होगा।

महिला सशक्तिकरण के बारे में पढ़े ।
 शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें।
 शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व।
 बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना रिजल्ट 2018

               सबसे पहले मैं आपको यह जानकारी देना चाहता हूं कि यह एक दिन में संभव नहीं होगा। लेकिन कुछ दिनों में ही आपको अंतर समझ में आने लगेगा। इसको हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि अगर एक दिन में तीन प्रश्नों का उत्तर हल करते हैं इसे प्रतिदिन करने में महीना में 90 प्रश्नों का हल कर लिया जाएगा। इस प्रकार प्रतिदिन कक्षा कक्ष में बैठने की स्थिति पर ध्यान दिया जाए, तो कुछ ही दिनों में आपको अंतर महसूस होने लगेगा।

कक्षा कक्ष में बैठने की स्थिति -:

1) गालों या सर पर हाथ न रखें-: शिक्षक द्वारा कक्षा कक्ष में पढ़ाने के क्रम में देखा जाता है कि कई छात्र कक्षा कक्ष में गाल या सर पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं। जिसके कारण शिक्षक द्वारा सिखाया गया ज्ञान अर्जित नहीं कर पाते हैं। इसलिए बच्चों से हमेशा कहा करते हैं कि गाल या सर पर हाथ रखकर नहीं बैठना चाहिए।

2)शिक्षक के मुख पर देखें-: शिक्षक द्वारा कक्षा में जो भी पढ़ाया या सिखाया जाता है, तो उस समय छात्रों को शिक्षक के आंखों या मुंह पर देखने से सीखा गया ज्ञान शीघ्र प्राप्त होता है।

3)दोनों हाथों को डेस्क पर रखे-:छात्रों को यह समझना चाहिए कि शिक्षक हमें जो ज्ञानप्रद बातें बताते हैं। उसे बच्चे अच्छी तरह से समझ ले। छात्रों को पाठ की व्याख्या विधि से शिक्षण करा रहे हैं, तो दोनों हाथों को डेस्क पर रखना चाहिए। तथा सीधे शिक्षक के तरफ देखना चाहिए। ताकि सीखा गया ज्ञान अति शीघ्र मस्तिक में प्रवेश कर सके।

4)कक्षा कक्ष में आत्मविश्वास के साथ बैठे-:  छात्रों को यह चाहिए कि शिक्षक के आगमन के साथ ही वह अपने आप को आत्मविश्वास के साथ बैठ जाय। जो शिक्षक पढ़ा रहे हैं उसे ध्यान पूर्वक सुनकर सीखे।

5)छात्र उत्साहपूर्वक सीखने का प्रयास करें-: अधिकांश देखा जाता है कि बच्चे को उत्साहपूर्वक नहीं सीख पाते हैं। पहले अपने शरीर एवं दिमाग को सीखने के लिए तैयार करे।
 ताकि जो ज्ञान प्राप्त हो, वह अस्थाई ज्ञान हो।

 6)कक्षा में शांति बनाए रखें-: कक्षा का माहौल ऐसा होना चाहिए कि जो भी शिक्षक कक्षा में पाठ को पढा़ये।वह आसानी से ग्रहण हो सके।

 निष्कर्ष-: अगर विद्यालय के बच्चों के बेहतर जीवन एवं भविष्य के लिए छात्र छात्राओं को विद्यालय के कक्षा कक्ष में कैसे बैठना चाहिए। इसके निम्न उपाय हैं।मन को शांत ,गाल या सर पर हाथ न रखें, उत्साहपूर्वक सीखने का प्रयास, आत्मविश्वास, डेस्क पर हाथों को रखें, आंखें शिक्षक के मुख पर हो। इस तरीका से बैठने पर ज्ञान अधिक अर्जित कर सकते हैं।

महिला सशक्तिकरणथ women empowerment.

महिला सशक्तिकरण women empowerment

एक समाज निर्माण में जितना पुरुषों का योगदान होता है। उससे अधिक योगदान महिलाओं का होता है । महिला समाज की अंग है। समाज कभी महिलाओं को पूजनीय बताते हैं, तो कभी उनका शोषण भी करते हैं । अगर समाज में महिलाओं का विकास हो तो समाज को बदलते देर नहीं लगेगा। यह तभी संभव हो सकता है, जब महिलाओं का विकास होगा ।आज महिलाओं के विकास एवं महिला सशक्तिकरण women empowerment के लिए सरकार द्वारा महिला कार्यक्रम का आयोजन एवं महिला प्रोत्साहन योजनाएं चल रही है।

                 किसी भी देश के विकास के लिए जनसंख्या के 70% लोग शिक्षित रहते हैं, तो उस देश का विकास बहुत जल्द होता है। इसमें 50% महिलाओं का योगदान है, इसलिए महिलाओं का पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी है, तथा स्वयं निर्णय लेने, महिलाओं का विकास हो। जिससे देश की तरक्की हो सके।

                अगर हम आज महिला सशक्तिकरण women empowerment के लिए सोच रहे हैं, तो कहीं ना कहीं आज भी महिलाओं का विकास पूरी तरह नहीं हुआ है। महिलाओं की स्थिति में बदलाव यह एक ही देश की समस्या नहीं है। महिला सशक्तिकरण women empowerment का मुद्दा केवल भारत देश में नहीं बल्कि कई देशों का यह समस्या है ।जहां आज भी महिलाओं का विकास नहीं हुआ है। भारत भी तरक्की करें इसके लिए महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं जो आज चलाएं भी जा रहे हैं।

                आज महिलाएं पुरुषों से हर कामों को बेहतर तरीके से करती हैं। आज प्राथमिक विद्यालयों में महिला शिक्षक अधिक मात्रा में पढा़ रहीं हैं। केरल राज्य में 60% महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में काम करती हैं। फिर भी पुरुषों द्वारा महिलाओं पर शोषण करते आ रहे हैं। पुरुषों द्वारा महिलाओं की आवाज को हमेशा दबाया जा जाता है। जिस कारण महिला सशक्तिकरण women empowerment का उदय होना निश्चित हो गया।
महिला सशक्तिकरण में शब्द 'सशक्तिकरण' Empowerment का अर्थ समझना होगा। "शक्ति के साथ यानी मजबूत बनाने की स्थिति" जिस मनुष्य में स्वयं निर्णय लेने की स्वतंत्र विचार हो, उस निर्णय को घर परिवार या समाज सभी लोग सम्मान करें, उसे सशक्तिकरण कहते हैं।

शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें।
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व।
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें।  

                 सशक्तिकरण शब्द के आगे "महिला" शब्द जोड़ दिया जाए तो अब वह महिला सशक्तिकरण बन जाता है। जो महिला स्वतंत्र विचार से स्वयं निर्णय ले,उस निर्णय को घर परिवार, समाज या बड़े बुजुर्ग उस निर्णय को सहर्ष स्वीकार करते एवं सम्मान करते हो।

                 प्राचीन काल में महिलाओं की स्थिति अधिकांश ठीक देखा गया है। लेकिन 17वीं - 18 वीं शताब्दी में महिलाओं की स्थिति बिल्कुल बद से बदतर होती चली गई। जिसके कारण आज महिलाओं की स्थिति सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

         भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण women empowerment के निम्न लाभ हैं।

1)महिलाओं की स्थिति-: आज के वर्तमान परिवेश में भी महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है। फिर भी समाज में पहले के अनुसार कुछ बेहतर कहा जा सकता है। धीरे-धीरे लोगों की सोच में परिवर्तन होने लगा है। आज महिलाओं को पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ साथ चल रही हैं। आज इस ब्रह्मांड में कोई ऐसी काम नहीं है, जो महिलाएं नहीं कर सकती हैं। हम इसे कह सकते हैं, सरकार चलाने से लेकर ऑफिस के काम या घर चलाने में तो दक्ष हैं हीं। आज ट्रेन ,एरोप्लेन, बस, टैक्सी, रॉकेट, अंतरिक्ष में यात्रा करना या हिमालय के माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने का शुभ कार्य महिलाएं कर रही हैं। बहुत सारी महिलाएं तो दफ्तर के कार्य बहुत अच्छी तरीके से करती ही हैं। घर के काम एवं बच्चों को भी बखूबी अच्छी तरीके से देख रेेेख करती हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं दुगना उत्साह से काम भी करती हैं।

2) गांव एवं समाज का विकास-: आज महिलाओं का विकास से गांव या समाज का विकास संभव हुआ हैं गांव में आज भी महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं है। आज भी महिलाओं का जीवन घर की चार दीवारों के बीच में  स्थिर हो गया है। पढ़ी-लिखी महिलाएं भी अपने हक के लिए आवाज उठाती हैं परंतु उनके आवज को दबा दिया जाता है। जो महिलाएं अनपढ़ हैं,वे सब कुछ सह जाती हैं। लेकिन पढ़ी-लिखी महिलाएं कानून के दरवाजे तक चली जाती हैं। जिससे महिलाओं को न्याय भी मिलती है।

3)महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना-: आज महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने भी बहुत सारी योजनाओं को लागू किया है। आजकल महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करती हैं। कुछ महिलाएं मॉल में काम करती हैं, तो कुछ महिलाएं अपने पति के साथ बिजनेस भी संभाल रही हैं। आजकल प्रधानमंत्री कौशल योजना में महिला भी आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल योजना का लाभ उठा रही हैं। कुछ महिलाएं लघु उद्योग, सिलाई कढ़ाई की व्यवसाय करके कुछ महिलाओं को रोजगार प्रदान करती हैं। जिसे महिलाएं आत्मनिर्भर बनती जा रहीं हैं। महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करके स्वालंबी बनती हैं।

4)गरीबी कम करने का प्रयास -: अगर महिला शिक्षित है, तो अपने परिवार को गरीबी कम करने के प्रयास करती रहती हैं। महिलाओं को लगता है कि उनके पति द्वारा कमाया गया रुपयों से उनके परिवार का पोषण नहीं हो पाता है, तो महिलाएं भी अपनी क्षमता के अनुसार काम करने लगती हैं। जिससे उनके परिवार का पालन पोषण सही ढंग से हो सके।

शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें। 
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व।, 
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना रिजल्ट 2018

5)महिलाओं को अवसर प्रदान करना-: अधिकांश  लड़कियाँँ और महिलाएं प्रतिभा संपन्न होती हैं। सरकार भी 
लड़कियों एवं महिलाओं को बहुत सारे अवसर प्रदान किए गये। ऐसे भी देखा गया है कि कुछ लड़कियां गरीबी के कारण उनकी प्रतिभा दब जाते हैं।  कुछ लड़कियों की शादी होने के कारण या सामाजिक दोष के कारण उनके अवसर खत्म हो जाते हैं अगर उन्हें अवसर प्रदान किया जाए तो महिलाएं बहुत तरक्की करें।

 निष्कर्ष-: भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण women empowerment अति आवश्यक है। आज भी बहुत सारे गांव में महिलाओं का विकास नहीं हुआ है। जिस कारण भारत विकसित देश की श्रेणी में आता तो है, लेकिन हर पहलुओं पर ध्यान देना होता है। आज 21वीं सदी में महिलाओं की स्थिति ऐसी है कि अपनी खुद की जिंदगी में स्वयं निर्णय नहीं ले सकती हैं। इसलिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता आज भी हमारे देश में जरूरत है। भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण women empowerment के निम्न लाभ हैं। महिलाओं की स्थिति, आत्मनिर्भरता, गांव या समाज का विकास, झगड़ा नहीं होना, गरीबी में कमी, प्रतिभा एवं अवसर की प्राप्ति अन्य बहुत लाभ हैं।


बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना रिजल्ट 2018

      बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना रिजल्ट 2018    बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना 2018 के रिजल्ट आने की इंतजार कर रहे, लाखों छात्र-छात्राओं का परिणाम देखने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं। बच्चे कभी पेपर के माध्यम से, कभी नेट के माध्यम से पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। कि कब तक रिजल्ट आएगा।

                 इसके साथ-साथ बच्चों के सुनहरे भविष्य की कामना हर माता पिता, अभिभावक एवं गुरुजन भी कर रहे हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की 10वीं कक्षा एवं 12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले छात्र छात्राओं को 25 मई से 30 मई के बीच में परिणाम घोषित किए,जाने की संभावना व्यक्त की गई है।                                                                                        बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा पहले इंटरमीडिएट के परिणम घोषित होने के बाद एक सप्ताह  के अंदर 10 वी कक्षा की परिणाम घोषित किए जाने की संभावना व्यक्त की गई है।
                परिणाम घोषित होने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की आधिकारिक वेबसाइट-:               www.biharboard.ac.in www.biharboard.ac.in पर देख सकते हैं

शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें(How to conduct a teacher classroom room.)

         शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें How to conduct a teacher classroom room.

यदि शिक्षक स्वयं  मुस्कान के साथ कक्षा कक्ष का संचालन करें, चेहरों के हाव भाव के साथ कक्षा कक्ष में प्रवेश करते हैं, तो छात्र/ छात्राओं के मन प्रसन्न होंगें। शिक्षक बच्चों को पहले दिमागी रूप से  पढ़ाई के लिए तैैैयार करते हैं। उसके लिए लघु कहानी, चुटकुले, प्रेरक प्रसंग, शिक्षाप्रद स्लोगन आदि सुनाते हैं। तब जा के शिक्षक जो पहले से ही पाठ योजना का अध्ययन किये रहते हैं।वो बच्चों को कक्षा कक्ष में प्रभावशाली ढंग से सीखाते हैं।
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें

           उस कक्षा में छात्रों को बहुत अधिक जानकारी सीखाने के लिए शिक्षक मॉडल,प्लैश कार्ड़,Teaching Aids आदि का इस्तेमाल कर कक्षा कक्ष में चार चांद लगा देते हैं। जिससे बच्चों को सीखने में मदद मिलेगा।
          शिक्षक कक्षा का संचालन करने के लिए क्रियाशील
(Active)आत्मविश्वास के साथ सबसे पहले कक्षा के अनुसार पाठ योजना बनाना अति आवश्यक है।पाठ योजना के तहत हम कक्षा कक्ष में सहजता के साथ 40से 45मीनट की अवधी में प्रभावशाली शिक्षण ,श्यामपट्ट कार्य, एवं गृह कार्य देते हुए।कक्षा कक्ष को बेहतरीन ढ़ग से उपयोग कर सकते हैं।
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें

         शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें,के निम्न तरीके हैं।

1)विषयों पर पकड़ मजबूत -: शिक्षक को अपने विषय पर पकड़ मजबूत होने चाहिए।विषयों के अच्छी जानकारी के लिए एक मात्र उपाय है। जिसे हम पाठ योजना कहते हैं, इस पाठ योजना के अनुसार शिक्षक पहले से ही पाठ की कठिनता को पढ़ लेते हैं। फिर कक्षा कक्ष में आसानी से शिक्षक इस्तेमाल करते हैं । योजनाबद्ध तरीको से विषयों पर पकड़ मजबूत हो जाता है। अगर 1to 5 के शिकक्ष हैं तो तीन विषयों का जानकारी रखना होगा।अगर उच्च कक्षा के शिक्षक हैं तो जिस  विषय के शिक्षक हैं, उन विषयों में जानकारी रखना अति आवश्यक होता है ।

शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व
हिन्दी के गद्य भाग का पाठ योजना कैसे तैयार करें

2) उच्चारण की शुद्धता एवं आवाज में नम्रता -: जिन शिक्षक की आवज नम्र एवं  उच्चारण की शुद्धता हो। वो कक्षा कक्ष में छात्रों को जो भी पाठ पढ़ाए जाते हैं। छात्र अधिक सीखा पाते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जो शिक्षक बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं। वह उच्चारण शुद्ध शुद्ध नहीं कर पाते हैं,तो वो शिक्षक छात्रों के बीच अपनी जगह नहीं बना पाते हैं।
                  बहुत से शिक्षकों का रहन सहन शहर में हुआ होता हैं। उनकी नियुक्ति गांव के माहौल में हो गया है, तो उन शिक्षक को उस गांव के अनुकूल अपने को ढालना पड़ेगा। क्योंकि शिक्षक कुछ शब्दों को इंग्लिश में बोलते हैं जो छात्र-छात्राओं को समझ में नहीं आते हैं। शिक्षक का सारा पढाया  हुआ सारा बेकार हो जाता है ।

शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व

3)विषयों के अनुसार टी एल एम (टीचिंग लर्निंग 
मटेरियल) का प्रयोग-: शिक्षक को पाठ योजना के अनुसार टी एल एम का प्रयोग, बिना पैसे खर्च किए करना चाहिए। छात्र-छात्रा जिस परिवेश में रहते हैं। उसी परिवेश के कुछ वस्तुओं का प्रयोग कर कक्षा कक्ष  में बच्चों को अधिगम करा सकते हैं।

 निष्कर्ष -: कक्षा कक्ष का संचालन करने के लिए पाठ योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कक्षा को शांत वातावरण मेें सहजता पूर्ण ढ़ग से छात्र छात्राओं को अधिगम एवं गृहकार्य कराते हैं।जिससे शिक्षक कक्षा कक्ष में इधर-उधर की बातें न करें ।  सीधे topic की जानकारी बच्चों को दी जाय।

शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व (Importance of Internet in Education.)

शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व (Importance of Internet in Education.)


आज शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व (Importance of Internet) अति आवश्यक है।वैसे तो हर क्षेत्र में इंटरनेट का प्रयोग महत्वपूर्ण है। जब इंटरनेट का आविष्कार नहीं हुआ था, तब कुछ भी जानकारी एक दूसरे को धीरे-धीरे प्राप्त होता या नहीं भी होता था। जब से इंटरनेट आया तब से एक दूसरे को अपना संदेश देना या प्राप्त करना आसान हो गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व


शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का उपयोग शिक्षक के लिए अमृत के समान है। बच्चों को सिखाने के उद्देश्य से शिक्षक इंटरनेट पर जो प्रकरण पढ़ाना चाहते हैं, उसे सर्च करके स्वयं पढ़ ले, तब बच्चों को कक्षा में अधिगम करा सकते हैं। जिससे बच्चों के भविष्य के लिए बेहतर साबित होगा।


आज के टेक्नोलॉजी युग में बेब हिंदी दुनिया ने भी इंटरनेट का उपयोग कर बहुत कुछ सीखा एवं अनुभव के साथ- साथ ज्ञान प्राप्त किया।


आज के वर्तमान स्थिति में विज्ञान, चिकित्सा, कृषि, शिक्षा, ऑनलाइन नौकरी के आवेदन ,ऑनलाइन खरीद- बिक्री, रेलवे ,हवाई जहाज ,बस, कार आदि,घर बैठे बैठे बुकिंग हो जाता है। यहां तक की eबुक से पढ़ना और भी आसान हो गया है।

               
विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति को अपना संदेश दे सकते हैं या प्राप्त कर सकते हैं। वह भी कम खर्च में। यहीं नहीं वीडियो कॉल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले व्यक्ति को एक साथ एक दूसरे के आमने सामने से बातें करते नजर आते हैं।

           
भारत के बाजार में जब से जियो का सिम आया, तब से तो भारत में इंटरनेट क्रांति आ गया। अब केवल शहर ही नहीं गांव - गांव तक इंटरनेट पहुंच गया। जहां आने जाने की सही मार्ग नहीं है। वहां भी इंटरनेट पहुंच चुका है। जिससे प्रत्येक व्यक्ति के पास कोई भी मैसेज आसानी से पहुंच जाता है।
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व
शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व

आज जो व्यक्ति Facebook, WhatsApp यानी सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। उनका दिमाग पल-पल बदलते रहते हैं। खासकर उन युवाओं का जिनका उम्र 18 से 45 वर्ष का हो। कोई ऐसा भावात्मक मैसेज आता है, तो भाव विभोर हो जाते हैं। कुछ घंटे बाद कोई ऐसा मनोरंजन मैसेज प्राप्त हुआ, तो उनका दिमाग उसी तरह का हो जाता है। यहां कहने का तात्पर्य यह है कि पल में भावुक, एक ही पल के बाद मुड़ी हो जाते हैं। जैसा मैसेज वैसे दिमाग बदलते रहता है।


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इंटरनेट के माध्यम से कोई काम कठिन नहीं रह गया है, क्योंकि नेट के द्वारा सर्च करके सीखना आसान हो गया है। जैसे मुझे टाई बांधने नहीं आता, हम इंटरनेट पर सर्च करके टाई बांधना आसानी से सीख लेंगे। हम छोटे मोटे कामों को खुद ही कर ले रहे हैं।


  • आज इंटरनेट जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। हमें रेलवे समय सारणी या कोई ट्रेन कहां पर है। हम लोग लाइव देख लेते हैं। सबसे बड़ी बात ऑनलाइन बिजनेस करके पैसा कमाया जा सकता है। शिक्षक के लिए इंटरनेट अति आवश्यक है क्योंकि शिक्षक को हमेशा अपडेट रहना चाहिए। जो पढ़ाना चाहते हैं उसे इंटरनेट पर सर्च करके इसे पढ़कर समझने के बाद बच्चों को प्रभावशाली ढंग से सिखाये जा सकते हैं।


निष्कर्ष-:  आज भारतीय बाजार में जियो का नेटवर्क ने भारत के प्रत्येक छोटे बडे़ शहर या गांव तक जियो का नेटवर्क से इंटरनेट चलाना आसान हो गया है। शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व बहुत है। उच्च शिक्षण संस्थान में इंटरनेट यानि स्मार्ट क्लासेेेज से बच्चों को सीखना आसान हो गया है। अब तो प्राथमिक शिक्षण संस्थान में भी स्मार्ट क्लासेज का प्रयोग लोकप्रिय हो चुका है।


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दाखिल खारिज कराने हेतु आवेदन पत्र

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