शिक्षा
Education
इस ब्रह्मांड में मानव का जीवन अनमोल है। मानव जीवन में शिक्षा प्राप्त करना, व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखार लाने के समान है। मनुष्य के जीवन में अनेकों समस्याएं रहते हैं। जो अपने-अपने तरीकों से जीवन में उतार चढ़ाव का हल निकालते रहते हैं।
मनुष्य के जीवन के दो पहलू होते हैं। दोनों पहलू बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। उनके जीवन को आगे बढ़ाने में यह काम करते हैं।
➡️शरीर के अंदर का भाग
➡️पर्यावरण विकास(बाहरी भाग)
शरीर के अंदर का भाग के लिए हमें ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। जिससे हमें प्रतिदिन भोजन से प्राप्त होता है। इसके लिए हमें परिश्रम करना होता है। परिश्रम के कारण आर्थिक स्थितियां ठीक होता है। आर्थिक स्थिति ठीक तो सब ठीक हो जाता है।
बाहरी भाग पर्यावरण(सामाजिक)परिवेश सामाजिक परिवेश के लिए शिक्षा आवश्यक है। शिक्षा के बिना बाहरी सामाजिक-सांस्कृतिक तौर-तरीके हम नहीं सीख पाएंगें। इसलिए यह दोनों पहलू महत्वपूर्ण हैं।
शिक्षा का अर्थ -:
ऐसे शिक्षा का अर्थ व्यापक है, इसे एक परिभाषा में समेटना अत्यंत मुश्किल है। फिर भी बहुत से विद्वानों, दर्शनीको एवं विचारको अपने अपने मंतव्य दिये हैं। प्राचीन काल से ही शिक्षा के बारे में बहुत से विद्वान अपना मंतव्य दिये। जितने विद्वान एवं विचारक मत दिये सभी मत को देखा जाए एवं अर्थ निकाला जाए, तो बहुत अंतर या एक दूसरे से अन्योन्याश्रय संबंध रखते हैं। आज शिक्षा के बारे में जितने मत प्राप्त हैं, सब अधूरे हैं।
जब एक बच्चा शिक्षा ग्रहण करता है, तो उसे दिमागी ज्ञान एवं बाहरी ज्ञान दोनों को विकसित होना होता है। दिमागी ज्ञान से अपने अंदर का ज्ञान को बढ़ाता है तथा बाहरी ज्ञान से अपने अनुभव प्रदान करता है। इस कारण बच्चे अपने ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर कुशल बन जाते हैं।
ऐसे शिक्षा शब्द सुनने में आसान लगता है। हमें अपने दैनिक जीवन में शिक्षा शब्द प्रतिदिन प्रयोग करते हैं। लेकिन इसका अर्थ बहुत व्यापक एवं कठिन है। शिक्षा एक साधन है। जो बच्चे एवं व्यक्ति प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर हम समझ सकते हैं कि एक जानवर को सर्कस में ट्रेनिंग के माध्यम से सिखाया जाता है। वह भी शिक्षा ही है,तो हम कह सकते हैं कि शिक्षा का अनेक अर्थ हो सकते हैं।
आंतरिक शक्तियां -: संसार के जितने भी इंसान हैं। उनके भीतर गुप्त शक्तियां निहित होती है। कुछ बच्चे को अंतरिक शक्तियां जन्मजात प्राप्त होता है। यह ज्ञान बच्चे को स्कूली ज्ञान से अलग होता है। उस बच्चे को गॉड गिफ्टेड कहते हैं। इस तरह के बच्चे हर क्षेत्र में तेज होते हैं। उनका मुकाबला कोई नहीं कर सकता है। वह स्वयं निर्णय लेते हैं। उनके अंदर जिज्ञासा बहुत होता है। वह हमेशा जीत की कामना करते रहते हैं।
प्राकृतिक शक्तियां-: प्राकृतिक परिवेश में बाल्यावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक का ज्ञान एवं घटित घटनाओं का अवलोकन करके ज्ञान अर्जित करते हैं। सभी अवस्थाओं का अपना अपना विशेष महत्व है।
निष्कर्ष-: जिस व्यक्ति के जीवन में आनंद,सुख,समृद्धि ,अच्छे विचार, रहन सहन एवं छोटी बड़ी बातें व्यवहारपूूर्ण होते हैं, तो उनका जीवन मधुरता पूर्ण बनने लगता है। यह सब शिक्षा से ही संभव हुआ है। व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास शिक्षा से संभव होता है। शिक्षा का उद्देश्य यह नहीं है कि मनुष्य अपने आर्थिक स्थितियाँँ ठीक कर ले और सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान न हो, तो शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण नहीं होता। शिक्षा से ही मनुष्य सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक
ज्ञान सीख पाते है। इसलिए हम कह सकते हैं कि जीवन के हर पहलू पर शिक्षा जरूरी है। शिक्षा जीवन के आरंभ से अंत तक प्राप्त करना ही शिक्षा होता है। अतः किसी एक पहलू को पूर्ण करना शिक्षा नहीं है।
ज्ञान सीख पाते है। इसलिए हम कह सकते हैं कि जीवन के हर पहलू पर शिक्षा जरूरी है। शिक्षा जीवन के आरंभ से अंत तक प्राप्त करना ही शिक्षा होता है। अतः किसी एक पहलू को पूर्ण करना शिक्षा नहीं है।
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