नारी शिक्षा के प्रति जागरूपता Awareness of women education
समाज का सर्वांगीण विकास करना हो तो नारी शिक्षा के प्रति जागरूपता अत्यंत महत्वपूर्ण है। नारी शिक्षा का मतलब सभी महिलाएं को पुरुषों के अनुसार शिक्षित होने से है। यदि लड़कियां शिक्षित हो तो आने वाली पीढ़ियां एक शिक्षित पीढी़ का निमार्ण होगा।" एक सफल व्यक्ति के लिए परिश्रम अति आवश्यक है, उसी प्रकार नारियों के विकास के लिए नारी शिक्षा आवश्यक है।"
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एक शिक्षित स्त्रियां हमेशा विकास करती हैं। क्योंकि वह अपने घर का अच्छे माहौल का निर्माण करती हैं। जिस कारण घर परिवार हमेशा खुश रहता है। जिस घर परिवार में शिक्षित महिलाएं होंगी। उस घर परिवार में घरेलू हिंसा, झगड़े कभी नहीं होगा।
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अक्सर देखा या सुना जाता है कि जिस घर में घरेलू हिंसा नहीं होता उस घर में सुख, शांति ,समृद्धि एवं धन की प्राप्ति होता है। इसलिए नारी शिक्षा के प्रति जागरूपता पर ध्यान देना अति आवश्यक है।
आज की वर्तमान स्थितियों में से सभी अवगत हैं कि मैट्रिक,इंटर , B.A, M.A, के साथ - साथ कोई भी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रथम स्थान लड़कियां ही प्राप्त कर रही हैं।
▶️प्राचीन काल में नारियों की स्थिति-: प्राचीन काल में भारतीय समाज में महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने का अनुमति नहीं था। उस समय महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय थी। महिलाओं को शिक्षित करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। कई महिलाओं ने एक संगठन का निर्माण पर महिलाओं को शिक्षित करने का काम किया करती थी। उसमें अग्रणी भूमिका ज्योतिबा राव फुले एवं अन्य कई महिला संगठनों ने महिला को शिक्षित करने का काम किया। इसके बाद धीरे - धीरे उनके का लाभ मिलना शुरू हो गया। उनके योगदान से आज एक महिला शिक्षित समाज का निर्माण हो सका।
▶️वर्तमान समय में नारियों की स्थिति-: आज वर्तमान में भी कई देशों में महिला शिक्षा बेहतर तो है लेकिन कुछ देशों की स्थितियां बिल्कुल बत्तर है। उस देश का विकास संभव नहीं है, जहां महिला शिक्षा नहीं। नारी शिक्षा के लिए एक महिला को सबसे कम उम्र के नोबेल पुरस्कार विजेता उस महिला का नाम मलाला यूसुफजई है। जो अपनी देश में महिलाओं को शिक्षित करने के काम किया करती हैं। आज भी सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की। ऐसे बहुत सारी महिलाएं आज भी सक्रिय रुप से महिलाओं को विकसित करने का काम करती हैं। आज भारत के कई राज ऐसे हैं। जहां महिला शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है। लेकिन कई ऐसे राज्य हैं, जहां महिलाओं की शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया जाता है।
शिक्षित महिला ही देश की प्रगति शील बनाती हैं, क्योंकि जनसंख्या का 50% महिलाएं हैं। इनका योगदान अति महत्वपूर्ण होता है। इस कारण आज सरकार भी महिलाओं को शिक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं।अगर महिलाएं संकल्पित कर ले की। मैं अपने बच्चे बच्चियों को शिक्षा दूंगी। एक सभ्य समाज का निर्माण करूंगी।
एक महिला अपने आप को बदल ले तो धीरे-धीरे खुद ब खुद ही एक शिक्षित समाज का निर्माण हो जाएगा।
एक नारी कभी बेटी ,कभी पत्नी, तो कभी मां की भूमिका निभाती हैं। यूँ कहे तो नारी का स्थान पूजनीय है। ऐसे भी प्राचीन काल में नारियों के सम्मान काफी था। पुरुषों के बराबर कामों में साथ-साथ भाग लेती थी। लेकिन धीरे-धीरे समाज में नारी का स्थान नीचे गिरते गया।
अगर नारी शिक्षित है तो पूरुष कोई भी कार्य नहीं कर पाते या समझ नहीं आते तो नारी अपने पति को समझाती है। यहीं नहीं एक बच्चे अपने पिता को नहीं देखते हैं, तो उनका कोई खोज खबर नहीं लेते हैं। लेकिन बच्चे अपनी मां को नहीं देखते तो सभी घरों में घूम-घूमकर खोजते आवाज़ लगाते हैं। माँँ - माँँ कहां हो। इससे लगता है कि नारी का कितना महत्व है। Awareness of women education
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