महिला सशक्तिकरणथ women empowerment.

महिला सशक्तिकरण women empowerment

एक समाज निर्माण में जितना पुरुषों का योगदान होता है। उससे अधिक योगदान महिलाओं का होता है । महिला समाज की अंग है। समाज कभी महिलाओं को पूजनीय बताते हैं, तो कभी उनका शोषण भी करते हैं । अगर समाज में महिलाओं का विकास हो तो समाज को बदलते देर नहीं लगेगा। यह तभी संभव हो सकता है, जब महिलाओं का विकास होगा ।आज महिलाओं के विकास एवं महिला सशक्तिकरण women empowerment के लिए सरकार द्वारा महिला कार्यक्रम का आयोजन एवं महिला प्रोत्साहन योजनाएं चल रही है।

                 किसी भी देश के विकास के लिए जनसंख्या के 70% लोग शिक्षित रहते हैं, तो उस देश का विकास बहुत जल्द होता है। इसमें 50% महिलाओं का योगदान है, इसलिए महिलाओं का पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी है, तथा स्वयं निर्णय लेने, महिलाओं का विकास हो। जिससे देश की तरक्की हो सके।

                अगर हम आज महिला सशक्तिकरण women empowerment के लिए सोच रहे हैं, तो कहीं ना कहीं आज भी महिलाओं का विकास पूरी तरह नहीं हुआ है। महिलाओं की स्थिति में बदलाव यह एक ही देश की समस्या नहीं है। महिला सशक्तिकरण women empowerment का मुद्दा केवल भारत देश में नहीं बल्कि कई देशों का यह समस्या है ।जहां आज भी महिलाओं का विकास नहीं हुआ है। भारत भी तरक्की करें इसके लिए महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं जो आज चलाएं भी जा रहे हैं।

                आज महिलाएं पुरुषों से हर कामों को बेहतर तरीके से करती हैं। आज प्राथमिक विद्यालयों में महिला शिक्षक अधिक मात्रा में पढा़ रहीं हैं। केरल राज्य में 60% महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में काम करती हैं। फिर भी पुरुषों द्वारा महिलाओं पर शोषण करते आ रहे हैं। पुरुषों द्वारा महिलाओं की आवाज को हमेशा दबाया जा जाता है। जिस कारण महिला सशक्तिकरण women empowerment का उदय होना निश्चित हो गया।
महिला सशक्तिकरण में शब्द 'सशक्तिकरण' Empowerment का अर्थ समझना होगा। "शक्ति के साथ यानी मजबूत बनाने की स्थिति" जिस मनुष्य में स्वयं निर्णय लेने की स्वतंत्र विचार हो, उस निर्णय को घर परिवार या समाज सभी लोग सम्मान करें, उसे सशक्तिकरण कहते हैं।

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                 सशक्तिकरण शब्द के आगे "महिला" शब्द जोड़ दिया जाए तो अब वह महिला सशक्तिकरण बन जाता है। जो महिला स्वतंत्र विचार से स्वयं निर्णय ले,उस निर्णय को घर परिवार, समाज या बड़े बुजुर्ग उस निर्णय को सहर्ष स्वीकार करते एवं सम्मान करते हो।

                 प्राचीन काल में महिलाओं की स्थिति अधिकांश ठीक देखा गया है। लेकिन 17वीं - 18 वीं शताब्दी में महिलाओं की स्थिति बिल्कुल बद से बदतर होती चली गई। जिसके कारण आज महिलाओं की स्थिति सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

         भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण women empowerment के निम्न लाभ हैं।

1)महिलाओं की स्थिति-: आज के वर्तमान परिवेश में भी महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है। फिर भी समाज में पहले के अनुसार कुछ बेहतर कहा जा सकता है। धीरे-धीरे लोगों की सोच में परिवर्तन होने लगा है। आज महिलाओं को पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ साथ चल रही हैं। आज इस ब्रह्मांड में कोई ऐसी काम नहीं है, जो महिलाएं नहीं कर सकती हैं। हम इसे कह सकते हैं, सरकार चलाने से लेकर ऑफिस के काम या घर चलाने में तो दक्ष हैं हीं। आज ट्रेन ,एरोप्लेन, बस, टैक्सी, रॉकेट, अंतरिक्ष में यात्रा करना या हिमालय के माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने का शुभ कार्य महिलाएं कर रही हैं। बहुत सारी महिलाएं तो दफ्तर के कार्य बहुत अच्छी तरीके से करती ही हैं। घर के काम एवं बच्चों को भी बखूबी अच्छी तरीके से देख रेेेख करती हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं दुगना उत्साह से काम भी करती हैं।

2) गांव एवं समाज का विकास-: आज महिलाओं का विकास से गांव या समाज का विकास संभव हुआ हैं गांव में आज भी महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं है। आज भी महिलाओं का जीवन घर की चार दीवारों के बीच में  स्थिर हो गया है। पढ़ी-लिखी महिलाएं भी अपने हक के लिए आवाज उठाती हैं परंतु उनके आवज को दबा दिया जाता है। जो महिलाएं अनपढ़ हैं,वे सब कुछ सह जाती हैं। लेकिन पढ़ी-लिखी महिलाएं कानून के दरवाजे तक चली जाती हैं। जिससे महिलाओं को न्याय भी मिलती है।

3)महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना-: आज महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने भी बहुत सारी योजनाओं को लागू किया है। आजकल महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करती हैं। कुछ महिलाएं मॉल में काम करती हैं, तो कुछ महिलाएं अपने पति के साथ बिजनेस भी संभाल रही हैं। आजकल प्रधानमंत्री कौशल योजना में महिला भी आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल योजना का लाभ उठा रही हैं। कुछ महिलाएं लघु उद्योग, सिलाई कढ़ाई की व्यवसाय करके कुछ महिलाओं को रोजगार प्रदान करती हैं। जिसे महिलाएं आत्मनिर्भर बनती जा रहीं हैं। महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करके स्वालंबी बनती हैं।

4)गरीबी कम करने का प्रयास -: अगर महिला शिक्षित है, तो अपने परिवार को गरीबी कम करने के प्रयास करती रहती हैं। महिलाओं को लगता है कि उनके पति द्वारा कमाया गया रुपयों से उनके परिवार का पोषण नहीं हो पाता है, तो महिलाएं भी अपनी क्षमता के अनुसार काम करने लगती हैं। जिससे उनके परिवार का पालन पोषण सही ढंग से हो सके।

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5)महिलाओं को अवसर प्रदान करना-: अधिकांश  लड़कियाँँ और महिलाएं प्रतिभा संपन्न होती हैं। सरकार भी 
लड़कियों एवं महिलाओं को बहुत सारे अवसर प्रदान किए गये। ऐसे भी देखा गया है कि कुछ लड़कियां गरीबी के कारण उनकी प्रतिभा दब जाते हैं।  कुछ लड़कियों की शादी होने के कारण या सामाजिक दोष के कारण उनके अवसर खत्म हो जाते हैं अगर उन्हें अवसर प्रदान किया जाए तो महिलाएं बहुत तरक्की करें।

 निष्कर्ष-: भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण women empowerment अति आवश्यक है। आज भी बहुत सारे गांव में महिलाओं का विकास नहीं हुआ है। जिस कारण भारत विकसित देश की श्रेणी में आता तो है, लेकिन हर पहलुओं पर ध्यान देना होता है। आज 21वीं सदी में महिलाओं की स्थिति ऐसी है कि अपनी खुद की जिंदगी में स्वयं निर्णय नहीं ले सकती हैं। इसलिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता आज भी हमारे देश में जरूरत है। भारतीय समाज में महिला सशक्तिकरण women empowerment के निम्न लाभ हैं। महिलाओं की स्थिति, आत्मनिर्भरता, गांव या समाज का विकास, झगड़ा नहीं होना, गरीबी में कमी, प्रतिभा एवं अवसर की प्राप्ति अन्य बहुत लाभ हैं।


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