शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें How to conduct a teacher classroom room.
यदि शिक्षक स्वयं मुस्कान के साथ कक्षा कक्ष का संचालन करें, चेहरों के हाव भाव के साथ कक्षा कक्ष में प्रवेश करते हैं, तो छात्र/ छात्राओं के मन प्रसन्न होंगें। शिक्षक बच्चों को पहले दिमागी रूप से पढ़ाई के लिए तैैैयार करते हैं। उसके लिए लघु कहानी, चुटकुले, प्रेरक प्रसंग, शिक्षाप्रद स्लोगन आदि सुनाते हैं। तब जा के शिक्षक जो पहले से ही पाठ योजना का अध्ययन किये रहते हैं।वो बच्चों को कक्षा कक्ष में प्रभावशाली ढंग से सीखाते हैं।शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें |
उस कक्षा में छात्रों को बहुत अधिक जानकारी सीखाने के लिए शिक्षक मॉडल,प्लैश कार्ड़,Teaching Aids आदि का इस्तेमाल कर कक्षा कक्ष में चार चांद लगा देते हैं। जिससे बच्चों को सीखने में मदद मिलेगा।
शिक्षक कक्षा का संचालन करने के लिए क्रियाशील
(Active)आत्मविश्वास के साथ सबसे पहले कक्षा के अनुसार पाठ योजना बनाना अति आवश्यक है।पाठ योजना के तहत हम कक्षा कक्ष में सहजता के साथ 40से 45मीनट की अवधी में प्रभावशाली शिक्षण ,श्यामपट्ट कार्य, एवं गृह कार्य देते हुए।कक्षा कक्ष को बेहतरीन ढ़ग से उपयोग कर सकते हैं।
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें |
शिक्षक कक्षा कक्ष का संचालन कैसे करें,के निम्न तरीके हैं।
1)विषयों पर पकड़ मजबूत -: शिक्षक को अपने विषय पर पकड़ मजबूत होने चाहिए।विषयों के अच्छी जानकारी के लिए एक मात्र उपाय है। जिसे हम पाठ योजना कहते हैं, इस पाठ योजना के अनुसार शिक्षक पहले से ही पाठ की कठिनता को पढ़ लेते हैं। फिर कक्षा कक्ष में आसानी से शिक्षक इस्तेमाल करते हैं । योजनाबद्ध तरीको से विषयों पर पकड़ मजबूत हो जाता है। अगर 1to 5 के शिकक्ष हैं तो तीन विषयों का जानकारी रखना होगा।अगर उच्च कक्षा के शिक्षक हैं तो जिस विषय के शिक्षक हैं, उन विषयों में जानकारी रखना अति आवश्यक होता है ।शिक्षा के क्षेत्र में इंटरनेट का महत्व
हिन्दी के गद्य भाग का पाठ योजना कैसे तैयार करें
2) उच्चारण की शुद्धता एवं आवाज में नम्रता -: जिन शिक्षक की आवज नम्र एवं उच्चारण की शुद्धता हो। वो कक्षा कक्ष में छात्रों को जो भी पाठ पढ़ाए जाते हैं। छात्र अधिक सीखा पाते हैं। अक्सर देखा जाता है कि जो शिक्षक बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं। वह उच्चारण शुद्ध शुद्ध नहीं कर पाते हैं,तो वो शिक्षक छात्रों के बीच अपनी जगह नहीं बना पाते हैं।
बहुत से शिक्षकों का रहन सहन शहर में हुआ होता हैं। उनकी नियुक्ति गांव के माहौल में हो गया है, तो उन शिक्षक को उस गांव के अनुकूल अपने को ढालना पड़ेगा। क्योंकि शिक्षक कुछ शब्दों को इंग्लिश में बोलते हैं जो छात्र-छात्राओं को समझ में नहीं आते हैं। शिक्षक का सारा पढाया हुआ सारा बेकार हो जाता है ।
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3)विषयों के अनुसार टी एल एम (टीचिंग लर्निंग
मटेरियल) का प्रयोग-: शिक्षक को पाठ योजना के अनुसार टी एल एम का प्रयोग, बिना पैसे खर्च किए करना चाहिए। छात्र-छात्रा जिस परिवेश में रहते हैं। उसी परिवेश के कुछ वस्तुओं का प्रयोग कर कक्षा कक्ष में बच्चों को अधिगम करा सकते हैं।
निष्कर्ष -: कक्षा कक्ष का संचालन करने के लिए पाठ योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। कक्षा को शांत वातावरण मेें सहजता पूर्ण ढ़ग से छात्र छात्राओं को अधिगम एवं गृहकार्य कराते हैं।जिससे शिक्षक कक्षा कक्ष में इधर-उधर की बातें न करें । सीधे topic की जानकारी बच्चों को दी जाय।
Bhahut aachha
जवाब देंहटाएंKksa ka vatawarn hona chain
जवाब देंहटाएंSant sorgul yukth ya anusasan purn
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