भारत को विकसित देश बनाने में नागरिकों का योगदान (Citizens' contribution to making India a developed country)
भारत को विकसित देश बनाने में नागरिकों का योगदान (Citizens' contribution to making India a developed country) महत्वपूर्ण है। अगर जनमानस का साथ रहा तो भारत को विकसित देश बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।
वैसे विकसित देशों के इतिहास उठाकर देखें तो पता चलता है कि प्रत्येक जनता देश को विकसित करने के लिए अपना पूरा सहयोग एवं बहुमूल्य समय देते हैं। प्रत्येक नागरिक सदैव तत्पर रहते हैं कि उनका देश कैसे विकसित हो।
भारत को विकसित देश बनाने में नागरिकों का योगदान (Citizens' contribution to making India a developed country)
पढ़े लिखे समझदार लोग अपनी पढ़े-लिखे होने का सबूत देते हैं। कहां तो मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा, में जाकर अपनी मनोकामना पूर्ण करते या लाखो के दान करते है।
पढ़े लिखे लोग ही ये सब अंधविश्वास का बढ़ावा देते हैं। अनपढ़ लोगों के पास इन पढे़ लिखें लोगो जैसे संसाधन नहीं होने के कारण भी देश के विकास में गति प्रदान करते हैं।
ऐसे विकसित देशो के इतिहास देखा जाय तो वहां पर धर्म के नामोनिशान नहीं हैं। धर्म के अनुसार कोई भी देश विकसित नहीं हुआ है।
अगर आप समझते हैं कि कोई राजनीतिक दल आगे आकर देश को विकसित करेगा। तो यह संभव नहीं। क्योंकि देश को आजादी मिले 71वर्ष हो गया। लेकिन आज तक देश विकसित नहीं सका।
अब भारत के प्रत्येक नागरिक चाहे तो देश को विकसित कर सकते है। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि में इतने धन है कि भारत के लोगों को विकसित किया जा सकता है। लेकिन फिर भी भारत को एक पिछडी़ देशो में गिनती होता है।
एक बार जापान के प्रधानमंत्री भारत के यात्रा पर आए। वह बोले कि भारत के जनता या आपके पास पूजा पाठ के लिए इतना समय है तो आपको बुलेट ट्रेन की आवश्यकता ही नहीं है। आप लोगो के पास समय ही समय है।
यहाँ के पढ़े लिखे जनता सोशल मीडिया या धर्म को लेकर अपना समय बर्बाद करते रहते है। लेकिन यहाँ के जनता कुछ नहीं सोचते कि भारत को विकसित देश कैसे बनायें ?
अगर भारत के प्रत्येक नागरिक यह सोच ले कि देश को विकसित कर देना है, तो यह जरूर हो जाएगा। इसके लिए भारतीय जनता एवं जितनी भी राजनीतिक दल हैं। उनको पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी पूर्वक भारत को विकसित देश बनाने में योगदान (contribution to making India a developed country) देना होगा।
कर व्यवस्था - भारत के कर व्यवस्था ऐसा हो कि कोई भी व्यक्ति कर की चोरी न कर सके। आसानी से कर जमा भी हो जाए। जिसे देश को विकसित करना आसान हो जाएगा।
जिस प्रकार आम कर्मचारियों का पेशन बंद हो गया है। उसी तरह राजनीतिक नेताओं का पेंशन एवं अन्य सुविधाएं बंद हो। तब जा कर भारत विकसित देशों के श्रेणी में आ सकता है।
निष्कर्ष- पढ़े - लिखें लोग को आगे आकर केवल इतना ही करें कि देश के प्रत्येक नागरिक एक दूसरे से मिल जुल कर एवं सहयोगात्मक रहें। प्रत्येक व्यक्ति देश को विकसित करने में अपना भर पूूूर सहयोग दें।भारत को विकसित देश बनाने में नागरिकों का योगदान (Citizens' contribution to making India a developed country) अत्यंत जरूरी है। तब जाकर भारत विकसित देशों की श्रेणी में आ सकता है।
पढ़े लिखे लोग ही ये सब अंधविश्वास का बढ़ावा देते हैं। अनपढ़ लोगों के पास इन पढे़ लिखें लोगो जैसे संसाधन नहीं होने के कारण भी देश के विकास में गति प्रदान करते हैं।
ऐसे विकसित देशो के इतिहास देखा जाय तो वहां पर धर्म के नामोनिशान नहीं हैं। धर्म के अनुसार कोई भी देश विकसित नहीं हुआ है।
अगर आप समझते हैं कि कोई राजनीतिक दल आगे आकर देश को विकसित करेगा। तो यह संभव नहीं। क्योंकि देश को आजादी मिले 71वर्ष हो गया। लेकिन आज तक देश विकसित नहीं सका।
अब भारत के प्रत्येक नागरिक चाहे तो देश को विकसित कर सकते है। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि में इतने धन है कि भारत के लोगों को विकसित किया जा सकता है। लेकिन फिर भी भारत को एक पिछडी़ देशो में गिनती होता है।
एक बार जापान के प्रधानमंत्री भारत के यात्रा पर आए। वह बोले कि भारत के जनता या आपके पास पूजा पाठ के लिए इतना समय है तो आपको बुलेट ट्रेन की आवश्यकता ही नहीं है। आप लोगो के पास समय ही समय है।
यहाँ के पढ़े लिखे जनता सोशल मीडिया या धर्म को लेकर अपना समय बर्बाद करते रहते है। लेकिन यहाँ के जनता कुछ नहीं सोचते कि भारत को विकसित देश कैसे बनायें ?
भारत को विकसित देश बनाने में नागरिकों का योगदान (Citizens' contribution to making India a develope country)
अगर भारत के प्रत्येक नागरिक यह सोच ले कि देश को विकसित कर देना है, तो यह जरूर हो जाएगा। इसके लिए भारतीय जनता एवं जितनी भी राजनीतिक दल हैं। उनको पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी पूर्वक भारत को विकसित देश बनाने में योगदान (contribution to making India a developed country) देना होगा।
शिक्षा प्रणाली - भारतीय शिक्षा प्रणाली दोषपूर्ण है। इसे सुधार करना अति आवश्यक है। इस शिक्षा प्रणाली से वास्तविक जीवन में कोई लाभ नहीं होता है। शिक्षा व्यवस्था ऐसा होना चाहिए कि जनता के विकास एवं भलाई हो। जब जनता का विकास होगा। तब देश का विकास दर बढेे़ेगा और जब विकास दर बढेे़गा तो देश विकसित होगा।
कालेधन की वापसी - विदेशों में जितने कालेधन हैं। उनको वापस लाना। उस कालेधन को देश की संपत्ति घोषित करना तथा देश को विकसित करने में इस धन का प्रयोग करना होगा।
विदेशी कंपनी - विदेशी कंपनियों के सामानों का बहिष्कार करना एवं आयात शुल्क बिल्कुल कम कर देना होगा। स्वदेशी कंपनियों को बढ़ावा देना एवं अधिक से अधिक स्वदेशी कंपनियों के माल का उत्पादन करा कर। बाजारों में उत्पादित माल अधिक से अधिक लाना होगा। जिस से देश का विकास दर बढ़ें और भारत विकसित हो सकें।
कृषि एवं उद्योग धंधे - भारत के प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि कृषि कार्य एवं उद्योग धंधे को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें।क्योंकि कृषि एवं उद्योग से ही देश का विकास दर अधिक होता है। वैैैसे हर इंसान के लिए भोजन अत्यंत जरूरी है। इसलिए कृषि कार्य एवं उद्योग धंधे बहुत हीं महत्वपूर्ण है। इसके अलावा स्वास्थ्य भी बहुत जरूरी है। जिस कारण देश को विकसित किया जा सकता है।
कर व्यवस्था - भारत के कर व्यवस्था ऐसा हो कि कोई भी व्यक्ति कर की चोरी न कर सके। आसानी से कर जमा भी हो जाए। जिसे देश को विकसित करना आसान हो जाएगा।
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर एवं चर्च के धनों का सही उपयोग - मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, एवं चर्च में इतने धन आते हैं कि इन धनों का प्रयोग करके एक विकसित भारत का निर्माण किया जा सकता है। जिससे आम जनता एवं देश को लाभ हो सके।
जिस प्रकार आम कर्मचारियों का पेशन बंद हो गया है। उसी तरह राजनीतिक नेताओं का पेंशन एवं अन्य सुविधाएं बंद हो। तब जा कर भारत विकसित देशों के श्रेणी में आ सकता है।
निष्कर्ष- पढ़े - लिखें लोग को आगे आकर केवल इतना ही करें कि देश के प्रत्येक नागरिक एक दूसरे से मिल जुल कर एवं सहयोगात्मक रहें। प्रत्येक व्यक्ति देश को विकसित करने में अपना भर पूूूर सहयोग दें।भारत को विकसित देश बनाने में नागरिकों का योगदान (Citizens' contribution to making India a developed country) अत्यंत जरूरी है। तब जाकर भारत विकसित देशों की श्रेणी में आ सकता है।
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