पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी अनावश्यक सोचना बंद कैसे करें। How do the students stop thinking unnecessary during their studies?
90% छात्र पढ़ाई के दौरान अनावश्यक रूप से सोचते रहते हैं। अभिभावक, माता-पिता सोचते हैं कि हमारे बच्चे पढ़ रहे हैं। लेकिन अधिकांश बच्चे पढ़ाई के दौरान अनावश्यक सोचते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
यह केवल एक विद्यार्थी या एक छात्र की बात नहीं हो रहा है। ऐसे हजारों विद्यार्थियों के साथ होता है।
तो आज मैं पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी अनावश्यक सोचना बंद कैसे करें। How do the students stop thinking unnecessary during their studies? इसके बारे में जानने का प्रयास करेंगे।
हमारे मस्तिष्क में मन दो प्रकार के होते हैं।
1) चेतन।
2) अवचेतन।
चेतन या अवचेतन पर निर्भर करता है।
उम्र दोष।
बैठकर न पढ़ना।
हाथ पैर न धोकर पढ़ाई के लिए बैठना।
गलत तरीकों से बैठकर पढ़ना।
गाल या सिर पर हाथ रख कर पढ़ना।
लेट कर पढ़ाई करना।
मानसिक दोष।
अनुवांशिक दोष।
अधिक बोलने वाला हो।
झगड़ालू प्रवृत्ति के होना।
किसी की बातें न सुनना।
पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी अनावश्यक सोचना बंद कैसे करें। How do the students stop thinking unnecessary during their studies?
ध्यान केंद्रित करना-: छात्रों को ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करना चाहिए। ताकि उनको बहुत बढ़ियाँ से समझ में आने लगे। छात्रों के पढ़ाई के दौरान अनावश्यक सोच न उत्पन्न हो। इसके लिए ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करना अति आवश्यक है।
हाथ पैर धोकर पढ़ना-: कभी भी पढ़ाई करने से पहले हाथ पैर को धोकर पढ़ाई करने के लिए बैठना चाहिए। इससे मन एकाग्र होता है। अनावश्यक सोच नहीं उत्पन्न होता है
योग अभ्यास करना-: छात्रों को नियमित योग अभ्यास करना चाहिए। इससे मन एकाग्र एवं अनावश्यक सोचे में वृद्धि नहीं होता है।
पढ़ाई का सही तरीका अपनाना-: छात्रों को पढ़ाई के लिए सही तरीका अपनाना चाहिए। जैसे-: टेबल कुर्सी पर पढ़ना तथा सीधे बैैठकर पढ़ाई करना चाहिए।
आत्मविश्वास की जरूरत-: छात्रों को आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई करना चाहिए। ताकि छात्रों के मन में अनावश्यक सोच कभी भी उत्पन्न न हो।
पॉजिटिव सोच होना-: पढ़ाई के दौरान पॉजिटिव सोच के होना अति महत्वपूर्ण होता है। पॉजिटिव सोच के साथ हम लोग अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं। जीवन की हर कठिन से कठिन काम पॉजिटिव सोच से आसानी से समाधान किया जा सकता है।
कठिन परिश्रम करना -: पढ़ाई के दौरान कठिन परिश्रम करने से सफलता अति शीघ्र प्राप्त होता है। पढ़ाई के दौरान अनावश्यक सोच बिल्कुल नहीं होता है।
सृजनात्मक गुण होना-: जो छात्र सृजनात्मक होते हैं, वह कभी भी अनावश्यक रूप से नहीं सोचते हैं। वे पढ़ाई बहुत अच्छे तरीको से करते हैं, ताकि वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें। वे अपने कर्मों पर हमेशा यकीन करते हैं, तथा स्वयं निर्णय लेने की क्षमता उनमें रहता है।
छोटी-छोटी गलतियों को सुधार करना-: पढ़ाई के दौरान छोटी-छोटी गलतियों को सुधार करना अति आवश्यक होता है। जिससे कि पढ़ाई में अनावश्यक सोच नहीं उत्पन्न होता है।
गंभीर मुद्रा में रहना-: गंभीर मुद्रा में पढ़ाई करने से समझदारी एवंं सफलता प्राप्त होता है। गंभीर मुद्रा में पढ़ाई करने सेे अनावश्यक सोच उत्पन्न नहीं होता।
निष्कर्ष -: पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी अनावश्यक सोचना बंद कैसे करें। How do the students stop thinking unnecessary during their studies? इसके लिए उपर्युक्त बातों को ध्यान
देने योग है।
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