👇👇 दाखिल खारिज कराने हेतु आवेदन पत्र 👇👇
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Web Hindi Duniya में शिक्षा,Teaching skill, योग विद्या, मोटिवेशन, इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग, निबंध एवं प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित (जैसे-: करंट अफेयर्स, जनरल स्टडी, GK,आदि।) जानकारियाँँ दी जाती है।
आज दिनांक 17/06/21 को प्रखंड संसाधन केंद्र टिहरी के प्रांगण में निष्ठा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्कूल हेड टीचर फॉर हॉलिस्टिक इन्वेस्टमेंट प्रशिक्षण के तीनों बैच का संयुक्त उद्घाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महोदय ने अपने संबोधन में शिक्षक पद की गरिमा के अनुरूप कार्य करने का आ्हवान किया। साथ ही निष्ठा प्रशिक्षण से प्राप्त नवाचार, शिक्षण कौशल एवं तकनीक का सौ पर्सेंट प्रयोग कर विद्यालय में बच्चों के बीच कराने की अपील की, तदनुपरांत पुष्पगुच्छ देकर सभी प्रशिक्षकों का स्वागत किया गया।
चेतना सत्र में गुरु वंदना, अभियान गीत ( तू ही राम रहीम....... ) के बाद आंतरिक ऊर्जा के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।
प्रशिक्षक महोदय ने सर्वप्रथम एक गतिविधि कराई तथा सभी लोगों का परिचय प्राप्त किया। इसके बाद सीआरसी वाइज व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर pre test, online test के लिए लिंक भेजा गया। इस test में शिक्षण अभिवृत्ति, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला समेकित शिक्षा आदि से संबंधित 40 प्रश्नों का उत्तर दिया जाना था। साथ ही आईसीटी एवं योजना से संबंधित स्वआकलन के कुछ प्रश्न भी पूछे गए । सभी लोग द्वारा अपना उत्तर सबमिट करने के बाद सदन को भोजन अवकाश के लिए स्थगित किया गया।
भोजनावकाश के बाद द्वितीय सत्र में स्वास्थ्य एवं कल्याण पर चर्चा की गई । इसमें कहा गया कि बच्चों का उत्तम स्वास्थ्य बेहतर अधिगम की पहली शर्त है। इसके विभिन्न आयाम शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं भावनात्मक पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि निरोग रहना तनाव रहित होना संवेदनशीलता सामाजिक समायोजन तथा अनुकूलन आदि उत्तम स्वास्थ्य के मानक हैं।
तदनुपरांत विकास की विभिन्न अवस्थाओं में शब्द भंडार तथा लैंगिक आधार पर शारीरिक मानसिक एवं भावनात्मक परिवर्तन पर सभी विचार विमर्श हुआ। प्रशिक्षक महोदय द्वारा राजू माहिर एवं सुनील की कहानी सुनाकर वैयक्तिक भिन्नता को स्वीकार करने तथा बच्चे की रूचि के अनुसार मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है।
इस विषय पर और अधिक गहराई से समझने के लिए सदन के प्रतिभागियों के समूह में विभक्त कर, उक्त विषयों से संबंधित विभिन्न समूहों के लिए अलग-अलग प्रश्न निर्धारित किया गया। तत्पश्चात प्रत्येक समूह की सदस्य द्वारा उक्त विषय से संबंधित प्रस्तुतीकरण किया गया। अंत में सभी बिंदुओं पर चर्चा कर समाप्त करते हुए प्रशिक्षक महोदय द्वारा सदन की समापन की घोषणा की गई।
प्रतिवेदक का नाम
प्रखंड
विद्यालय का नाम
दिनांक
सेवा में,
श्रीमान् अंचलाधिकारी, महोदय
प्रखंड - पाली, जिला - पटना
विषय - दाखिल खारिज कराने हेतु।
महाशय,
उपरोक्त विषय के संदर्भ में कहना है कि मेरे दस्तावेज के अनुसार पवन कुमार, पिता- अनिल चौधरी, पता - गांधीनगर , खाता संख्या - 275, खेसरा संख्या - 320, थाना नंबर -796 है। दाखिल खारिज कराने हेतु, ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया हूँ।
अतः श्रीमान से आग्रह है कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए। दाखिल खारिज करने की कृपा की जाय।
विश्वासभाजन
नाम - पवन कुमार
पिता अनिल चौधरी
खाता संख्या - 275
खेसरा संख्या - 320
थाना संख्या -796
दिनांक :-
अनुलग्नक :-
1) दस्तावेज की छायाप्रति।
2) दाखिल खारिज कराने हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र की छायाप्रति।
नमस्कार दोस्तों, Web Hindi Duniya में आपका स्वागत है। आज बहुत से विद्यार्थी को लंबे समय तक पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। इस टॉपिक पर बेहतर टिप्स एंड ट्रिक्स के साथ पढ़ाई से संबंधित सभी समस्याओं का हल करने का प्रयास करने जा रहा हूँ।
प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे कार्य एवं सफलता के परिणाम चाहते हैं, लेकिन पुरानी आदतों को बदलना तथा नये आदतों अपनाना पड़ता है।
वैसे तो हमारे मनोवैज्ञानिक भी कहते हैं कि लंबे समय तक पढ़ाई के दौरान प्रत्येक 40 से 50 मिनट में 5 से 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। जिससे पढ़ाई उबाऊ नहीं होते हैं। उस 5 से 10 मिनट के ब्रेक में मोबाइल से दूर रहें, क्योंकि एक बार सोशल मीडिया में जाने के बाद समय एक घंटे या 2 घंटे में बदल जाता है। इसलिए ब्रेक में आप गाने को गुनगुना सकते हैं। इससे मस्तिष्क को बहुत ही ज्यादा आराम मिलता है। फिर आप पढ़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
वैसे सफल इंसान बनने के लिए कुछ त्यागना पड़ता है, तब वह सफल इंसान बनता है। लंबे समय तक पढ़ाई करने के लिए अपने दैनिक जीवन इन सर्वोत्तम तरीकों को उपयोग करने चाहिए। ताकि लंबे समय तक पढ़ाई करने में सफल हो।
पढ़ाई करने का मंत्र
शांत वातावरण का चुनाव
पढ़ाई करने वाले कमरे का उपयोग
निरंतरता
आलस का त्याग करना
टेबल कुर्सी का उपयोग
योग एवं ध्यान
गलत तरीके से पढ़ाई करना
खानपान सही रखना
रात्रि के नींद
दिमाग को केंद्रित करना
समय के अनुसार पढ़ाई के स्थान को बदलना
सकारात्मक विचार
अनुशासित
नोट्स बनाना
लक्ष्य निर्धारण करना
समय का सदुपयोग करना
इंटरनेट का प्रयोग
अपने दोस्तों के साथ समय बिताना
शांत वातावरण का चुनाव-: लंबे समय तक पढ़ाई में ध्यान आकृष्ट करने के लिए हमें शांत वातावरण होना अति आवश्यक है। जब तक शांत माहौल नहीं रहेगा, तो पढ़ाई करने में मन नहीं लगेगा। जहां शोर-शराबा नहीं हो और आप सुकून से पढ़ाई कर सकें। पढ़ाई करने में आपको कोई दिक्कत या परेशानी का सामना नहीं करना पड़े हैं। वैसे जगहों का चुनाव अति आवश्यक है।
लंबे समय तक पढ़ाई करने का तरीका (How to study for a long time) |
पढ़ाई करने वाले कमरे का उपयोग-: जिस कमरे में पढ़ाई करनी है। उस कमरे में रोशनी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आंखों पर प्रेशर न पड़े। कमरे की दीवार से एक या 2 फीट की दूरी पर स्टडी टेबल लगाना चाहिए। ताकि पढ़ाई में मन लग सके तब आप लंबे समय तक पढ़ाई कर सकते हैं।
निरंतरता-: लंबे समय तक पढ़ाई करने की आदत बचपन से ही डालनी चाहिए। पढ़ाई प्रतिदिन करने से दिमाग पर अधिक बोझ नहीं पड़ता और फ्रेश भी रहता है। निरंतर पढ़ाई करने के कारण ही आप लंबे समय तक पढ़ाई कर सकते हैं।
आलस का त्याग करो-: आलस करने वाले विद्यार्थी अपने दोस्तों से हमेशा पिछड़े हुए रहते हैं। क्योंकि वह आलस करने के कारण ढ़ग से पढ़ाई नहीं कर पाते। इसलिए आलस को त्याग करो और लंबे समय तक पढ़ाई करते रहो। तब जाकर आपके जीवन सफल हो सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी को पढ़ाई हो या अन्य कोई कार्य तुरंत ही करना चाहिए। विद्यार्थी को हमेशा ही एक्टिव रहना चाहिए।
टेबल कुर्सी का उपयोग-: लंबे समय तक पढ़ाई करने के लिए टेबल कुर्सी का उपयोग करना अति आवश्यक है। क्योंकि रीड की हड्डी सीधे होने के कारण पढ़ाई में मन लगा रहता है। जिससे लंबे समय तक पढ़ पाते है। पढ़ाई करने का सही ढंग है। अगर टेबल कुर्सी लगाने का जगह नहीं हो तो नीचे चटाई पर बैठ कर पढ़ाई करें।
योग/ ध्यान-: प्रत्येक विद्यार्थी को प्रतिदिन सुबह या शाम 10 से 20 मिनट योग एवं ध्यान पर केंद्रित होना चाहिए। इससे विद्यार्थियों का मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है। मस्तिक स्वस्थ होने के कारण पढ़ाई को अधिक से अधिक समय तक बैठकर पढ़ सकते हैं। आप सभी विद्यार्थी योग/ ध्यान जरूर करें। योग और प्राणायाम करने से आलस दूर होता है। स्वास्थ्य एवं संतुलित मस्तिष्क का निर्माण होता है। जिसे विद्यार्थी को लंबे समय तक पढ़ाई करने में मददगार साबित होता है।
खानपान सही रखना-: पढ़ाई की एक शानदार पारी खेलने के लिए खानपान पर भरपूर ध्यान रखना चाहिए। खाने में पौष्टिक आहार, साग सब्जी, ड्राई फ्रूट्स आदि का प्रयोग करते रहना चाहिए। पढ़ाई करने के लिए हमारे शरीर में ऊर्जा प्राप्त होता है। समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए। इसके अलावा चाय, भुना हुआ चना आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं। जिससे लंबे समय तक पढ़ाई करने में आपको सहूलियत हो।
रात्रि की नींद-: प्रत्येक व्यक्ति को रात में 6 से 7 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए। रात में अच्छी तरह से सोने के बाद सुबह आपको बहुत अच्छा महसूस होता है। इसे आप दिन भर पढ़ाई कर सकते तथा मन शांत रहता है। भरपूर नींद लेने से मन विचलित नहीं होता है। जिस कारण पढ़ाई बहुत बढ़िया होता है।
दिमाग को केंद्रित करना-: पढ़ाई के लिए सबसे जरूरी है कि दिमाग को केंद्रित कर के पढ़ाई करने के लिए बैठना चाहिए। ताकि पढ़ाई करते वक्त अन्य विचार न आए। क्योंकि जैसे ही पढ़ने बैठते हैं, अनेकों प्रकार के मन में विचार उत्पन्न होने लगता है। इस विचार से बचने के लिए दिमाग को केंद्रित करना अति आवश्यक है। तब आप लंबे समय तक पढ़ाई कर सकते हैं।
समय के अनुसार पढ़ाई के स्थान को बदलना-: एक ही जगह पर पढ़ाई करते करते थोड़ा मन विचलित होने लगता है। जिस कारण हम अपने घर में समय-समय पर पढ़ाई के स्थानों को बदलते रहना चाहिए। ताकि आपके पढ़ाई में मन लग सके।
समय का सदुपयोग-: टाइम इज मनी/ समय ही धन है। विद्यार्थी को समय का महत्व समझना अति आवश्यक है।समय के अनुरूप अपने विषयों को पढ़ने का प्रयास करने,तथा प्रत्येक विषय पर समान समय देना चाहिए। एक बार जब समय चला गया,तो दोबारा वह वापस नहीं आता। इसलिए समय को बर्बाद करने से आप खुद ही बर्बाद होंगे। समय के साथ चलने वाले व्यक्ति हमेशा सफल होते हैं। इसलिए समय का सदुपयोग करना अति आवश्यक है। समय के अनुसार लंबे समय तक पढ़ाई कर सकते हैं।
अनुशासित रहना-: प्रत्येक विद्यार्थी का कर्तव्य है कि अनुशासन में रहें, अनुशासन से ही वह अपने आप को आगे बढ़ा सकता है। एक विद्यार्थी की पहचान अनुशासन से ही होता है। अनुशासित व्यक्ति अपने कार्य को समय पर पूरा करते हैं। तथा समय के पालन तथा प्रत्येक कार्य को समय पर करते हैं।
सकारात्मक विचार-: विद्यार्थी को हमेशा सकारात्मक सोच रखनीं चाहिए। सकारात्मक विचार से शरीर में फुर्ती, जोश एवं सकारात्मक ऊर्जा का उत्पन्न होता है। हमेशा ही अपनी सोच को सकारात्मक रखनें का प्रयास करना चाहिए। हमेशा सकारात्मक सोच बनाए रखने के लिए बहुत सारे पुस्तकें आते हैं। उसे पढ़ने से मोटिवेशन मिलता है।
नोट्स बनाएं-: आप जब भी पढ़ाई करने बैठें तो पढ़ते समय जो आपको अच्छा लगे एक कॉपी पर नोट करते जाए। ऐसे ही प्रत्येक विषय का नोट्स बना लें। परीक्षा के समय इसी नोट्स से पढ़ाई करें। इससे आपको समय का बचत होता है। और आप अधिक से अधिक विषयों को कवर कर लेंगे। परीक्षा के समय यह नोट्स बहुत उपयोगी साबित होता है।
लक्ष्य का निर्धारण-: विद्यार्थी को अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करना अति आवश्यक है। लक्ष्य निर्धारण के कारण ही पढ़ाई में मन लगा रहता है। तथा उस लक्ष्य पर निगाहें टिकी रहती है। जब तक प्राप्त नहीं होता, तब तक उस लक्ष्य को छोड़ना नहीं। लंबे समय तक पढ़ाई करने के लिए हमें बहुत जरूरी है कि लक्ष्य निर्धारण करना।
इंटरनेट का प्रयोग-: प्रॉब्लम सॉल्विंग के लिए इंटरनेट एक अच्छा साधन है। लेकिन एक सीमित समय के लिए ही उपयोग करें। क्योंकि माइंड को डाइवर्ट करने में इसको देरी नहीं लगता। इसलिए इंटरनेट के प्रयोग केवल कठिन प्रश्नों के उत्तर के लिए ही किया जाए। ताकि आपका समय बच सके।
निष्कर्ष-: उपरोक्त सभी कथनों को ध्यान से पढ़ें और मनन करते हुए उस पर विचार करें। पढ़ाई करने का मंत्र ,शांत वातावरण का चुनाव,पढ़ाई करने वाले कमरे का उपयोग,निरंतरता,आलस का त्याग करना,टेबल कुर्सी का उपयोग,योग एवं ध्यान,गलत तरीके से पढ़ाई करना,खानपान सही रखना,रात्रि के नींद,दिमाग को केंद्रित करना,समय के अनुसार पढ़ाई के स्थान को बदलना,सकारात्मक विचार,अनुशासित,नोट्स बनाना,
लक्ष्य निर्धारण करना, समय का सदुपयोग करना,
इंटरनेट का प्रयोग,अपने दोस्तों के साथ समय बिताना। जिस समय पढ़ाई करना हो। उस समय सारा सामग्री यानी कॉपी, कलम, नोट्स, बुक आदि लेकर। यहां तक कि पीने की पानी भी ले कर बैठना चाहिए। जिस कारण पढ़ाई में कोई दिक्कत न उत्पन्न हो। आपका समय भी बर्बाद न हो। आपको हमेशा यह ध्यान देना चाहिए कि लंबे समय तक पढ़ने के लिए इन सभी वस्तुओं को ध्यान में रखकर पढ़ने बैठा जाए ।
दोस्तों यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। ये आर्टिकल पसंद आया हो या इस आर्टिकल में किसी भी तरह की सुधार की ज़रुरत हो तो, कृपया हमें अपनी राय अवश्य दें। ताकि हम अपने कमियों को सुधार सके।
धन्यवाद.
दोस्तों, आज हम लोग बच्चों के दिमाग को कैसे तेजी से बढ़ाएं। How to speed up a child's brain? विषय पर चर्चा करने वाले हैं। बच्चों के मस्तिष्क यानी दिमाग को लेकर बहुत से अभिभावक परेशान रहा करते हैं। कुछ माता-पिता अपने बच्चों के लिए दवाई भी खिलाया करते हैं।
अगर आप भी अपने बच्चों के दिमाग को कैसे तेजी से बढ़ाएं। How to speed up a child's brain? से परेशान हैं। तो आप सही जगह पर आए हुए हैं।
सभी बच्चों के दिमाग एक खाली डिब्बे की तरह होता है। बच्चे जैसे जैसे शिशु से आगे की अवस्था में आता है। जब बच्चे 1 या 2 साल के हो जाते हैं तब उनसे ऐसे सवालों को पूछा करते हैं। जो कभी किसी ने बताया नहीं, और वह तुरंत ही बता देते हैं। जैसे- बाबू गेंद लाओ,मम्मी किधर हैं। भैया किधर है। अपना कान बताओ, नाक बताओ आदि। इससे यह साबित होता है कि बच्चे अपने दिमाग का प्रयोग करते हैं। वो जैसे भी करते हों।
वैसे 2 से 5 वर्ष के बच्चें बहुत सारे क्रिएटिविटी करने लगते हैं। धीरे-धीरे वे अपने दिमाग का प्रयोग करने लगते हैं। हम लोग अपने आसपास कई बच्चों को क्रिएटिविटी करते देखा होगा।
ऐसे सभी बच्चों का दिमाग एक समान नहीं होते हैं। माता-पिता, या अभिभावक को किसी बच्चे की तुलना अपने बच्चों से नहीं करनी चाहिए।
हरेदार सब्जियां-: माता पिता अपने बच्चे को छोटी उम्र से ही हरेदार सब्जियां अत्यंत लाभकारी होता है। पालक, लौकी , गाजर, मूली, present of mind को बेहतर करता है। 🥦🥕🥒
मछली-: मछली खाने से आंखों की रोशनी बढ़ने के साथ-साथ दिमाग में बहुत तेज होता है, इसलिए अपने बच्चे को सप्ताह में एक बार मछली जरूर खिलाएं।
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अंकुरित अनाज-: अपने बच्चे को सुबह में मूंग, चना, सोयाबीन दाना आदि, फुलाकर उसे अंकुरित होने के बाद गुड़ के साथ सेवन करने से दिमाग तेज हो जाता है। उससे मस्तिष्क के साथ साथ शरीर के भी वृद्धि हो जाता है।
सुखा मेवा (ड्राई फ्रूट्स)-: अखरोट की बनावट मस्तिष्क से मिलता-जुलता होता है। प्रत्येक दिन सुबह में अखरोट खाने के बाद एक गिलास गाय के दूध का सेवन करें। अखरोट खाने से दिमाग बहुत ही तेज होता है। जिससे प्रजेंट ऑफ माइंड बेहतर हो जाता है। इसके अलावा कागजी बादाम almonds किसमिस, छुहारा इत्यादि खाने से भी हमारे दिमाग तेज होते हैं।
योगाभ्यास-: अपने बच्चे को नियमित योगाभ्यास कराने चाहिए। इससे शरीर और मस्तिष्क दोनों ही स्वस्थ रहेंगे। तब बच्चे का दिमाग तेज एवं विकसित होगा। अपने बच्चे को मेडिटेशन जरूर कराएं।
खेल कूद-: आमतौर पर देखा गया है कि जो बच्चे खेलकूद हैं। उनका दिमाग काफी तेज एवं सृजनात्मक होता है। जैसे-: कबड्डी, फुटबॉल, हॉकी आदि। कुछ खेल वैसे होते हैं जैसे पजल, शब्दों का खेल, स्पेलिंग टेस्ट, पहेली, मैथमेटिक्स आदि। इस टाइप के खेल से बच्चे का दिमाग काफी विकसित होता है।
दोस्तों,
आज हम लोग अपने प्रधानाध्यापक के पास कैसे आवेदन पत्र लिखें।आवेदन पत्र पर हम लोग चर्चा करेंगे। आवेदन पत्र कैसे लिखा जाता है।
सेवा में,श्रीमान् प्रधानाध्यापक, महोदयमध्य विद्यालय टंडवा, पटनाविषय-विद्यालय परित्याग पत्र/टीसी लेने के संबंध में।महाशय,उपर्युक्त विषय के संदर्भ में कहना है कि मैं मनीष कुमार, पिता- जितेंद्र कुमार, कक्षा -8 रौल न - 45, सत्र - 2014 -2015 में, मैं विद्यालय का नियमित छात्र था।मुझे विद्यालय परित्याग पत्र की आवश्यकता है।
कक्षा- 8विश्वासभाजननाम- मनीष कुमार
दिनांक
इस प्रकार विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, में टीसी लेने के लिए आवेदन पत्र लिखा जाता है।
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दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में बच्चों के स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाएं How to increase children's memory पर हम लोग चर्चा करेंगे और इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहे हैं।
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